यस बैंक में लगी ग्राहकों की भीड़, आरबीआई द्वारा 50,000 की कैद लगाने से लोगों में आशंका

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने आर्थिक संकट में फंसे यस बैंक से 50 हजार रुपए निकासी की सीमा तय करने के बाद उपभोक्ताओं के दिल धड़कने बढ़ गई। इसके बाद यस बैंक के एटीएम के बाहर ग्राहकों की पैसे निकालने के लिए लम्बी-लम्बी लाइनें लग गई । आज सुबह बैंक खुलने के बाद ग्राहक बैंक की शाखाओं से पैसे निकलाने के लिए जमा हो गए।



दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यस बैंक को लेकर ट्वीट जारी करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है। वहीं आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा है कि आपको बैंक (यस बैंक) और मैनेजमेंट को समय देना होगा, ताकि जो भी जरूरी कदम हैं वो उठा सकें। बैंक पिछले कई महीनों से कोशिश कर रहा है। जब हमें पता लगा कि अब हम ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते तब हमने मामले में दखल दिया।आपको बताते जाए कि इससे पहले पचास हजार रुपए निकासी की सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल के अधिकारों पर रोक लगाते हुए एक महीने के लिए एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार की प्रशासक के रूप में नियुक्ति कर दिया है।यस बैंक ने जो कर्ज बांटा था उसमें अधिकांश डूब गए हैं, बैंक इस समस्या से जूझ रहा है। बैंक चाहता है कि नई पूंजी जुटाई जाए लेकिन इस काम में उसे काफी समस्या आ रही है। इसी वजह से बैंक ने दिसंबर, 2019 की तिमाही नतीजे भी घोषित नहीं किए हैं। एनपीए की वजह से बैंक की सुरक्षित पूंजी कम हो गई है।आरबीआई ने बताया कि यस बैंक लगातार एनपीए की समस्या से जूझ रहा है, इसके चलते यह निर्णय लेना पड़ा है। आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, यस बैंक में बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से एक महीने के दौरान 50 हजार रुपए से ज्यादा धनराशि नहीं निकाल सकेंगे।इसके अलावा यदि किसी के बैंक में एक से ज्यादा खाते हैं तो भी 50 हजार से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। दूसरी ओर एसबीआई बोर्ड ने येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति प्रदान कर दी है।